चिट फंड, आवर्ती (रेकरिंग) जमा या म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) : अक्सर बहुत से लोग हमें पैसे बचाने या निवेश करने के लिए कहते हैं या सलाह देते रहते हैं लेकिन वे सभी लोग वास्तव में हमें यह नहीं बताते कि यह कैसे करना है। यदि आप अपने पैसों की बचत करना या स्मार्ट निवेश करना चाहते हैं, लेकिन आपको यह सुनिश्चित नहीं है कि निवेश अथवा बचत की शुरुआत कहां से और कैसे करें तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं।
यहां, हम तीन निवेश विकल्पों को देखेंगे जिन पर आप अपनी संपत्ति बढ़ाने और अपने भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने के लिए विचार कर सकते हैं।
चिट फंड
यदि आपने चिट फंड के बारे में काफी लोगों से सुना अवश्य है परंतु आप अभी तक “चिट फंड क्या है” यह सही प्रकार से नही जानते हैं तो आइए इसे विस्तारपूर्वक समझते हैं।
चिट फंड एक सामुदायिक फंडिंग पद्धति है, जहां कई योगदानकर्ता एक साथ आते हैं और हर महीने एक निश्चित राशि का निवेश करते हैं। हर महीने एकत्र किए गए धन को नीलामी के लिए रखा जाता है। सबसे कम बोली लगाने वाले को चिटफंड आयोजक को कमीशन देने के बाद वह राशि मिलती है।
शेष राशि को शेष योगदानकर्ताओं के बीच समान रूप से वितरित किया जाता है। इस प्रक्रिया का हर महीने पालन किया जाता है जब तक कि प्रत्येक योगदानकर्ता को एक बार राशि प्राप्त न हो जाए।
वर्तमान समय में यह एक ऑनलाइन चिट फंड के रूप में आधुनिक हो गया है जहां इस प्रक्रिया को डिजिटल रूप से संचालित किया जाता है।
यह किस प्रकार कार्य करता है?
मान लीजिए कि 10 योगदानकर्ता एक चिट फंड प्रणाली में अपने पैसों का निवेश करते हैं जिसके अंतर्गत प्रत्येक योगदानकर्ता प्रत्येक माह 10,000 रुपए का निवेश करता है। इस हिसाब से हर महीने एकत्र की गई कुल राशि 1,00,000 रुपये होगी और हर महीने इसी राशि की नीलामी की जाएगी।
अब मान लीजिए कि सभी योगदानकर्ता में से चार लोगों को पैसों की आवश्यकता है और उन चार लोगों ने इस पैसे की बोली रु. 70,000, रु. 88,000, रु. 90,000 और रु. 80,000 लगाई। सबसे कम बोली यानी 70,000 रुपये की बोली लगाने वाले व्यक्ति को चिटफंड लोन मिलेगा।
उस व्यक्ति को चिटफंड के आयोजक को 5% देना होता है जो कि कुल राशि 1,00,000 रुपए के 5% के हिसाब से रु. 5,000 होता है, तो इस प्रकार उस व्यक्ति को कमीशन के 5000 रुपये काटने के बाद 65,000 रुपए की राशि दी जाती है। बची हुई राशि अर्थात 30,000 रुपए को शेष योगदानकर्ताओं के बीच सामान रूप से वितरित कर दिया जाता है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को लगभग 3,333 रुपए मिलते हैं। यह प्रक्रिया प्रत्येक माह इसी प्रकार से दोहराई जाती है।
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund)
अपने पैसों की बचत या निवेश करने का यह एक अच्छा विकल्प है जो निवेशकों से धन एकत्र करता है और स्टॉक, बॉन्ड, इक्विटी और अन्य प्रतिभूतियों में निवेश करता है। इसके बाद निवेशकों को उनके निवेश पर रिटर्न मिलता है। हालांकि, इसमें कुछ जोखिम शामिल हैं क्योंकि निवेशक रिटर्न पाने के बजाय अपने पैसे खो भी सकते हैं।
इसके अंतर्गत निवेशक अपनी वित्तीय क्षमता और जो जोखिम लेने को तैयार हैं, उसके आधार पर कितनी भी राशि निवेश कर सकते हैं।
यह किस प्रकार कार्य करता है?
मान लीजिए कि एक बैंक, एक म्यूचुअल फंड योजना शुरू करता है जहां वह 100 निवेशकों से कुल मिलाकर 1 करोड़ रुपए एकत्र करता है। इस योजना का उद्देश्य निवेशकों द्वारा दिए गए पैसों को 20 शेयरों में निवेश करना है। इसलिए, फंड मैनेजर उन शीर्ष 20 शेयरों को चुनता है जो सबसे अच्छा और महत्वपूर्ण रिटर्न देने की संभावना रखते हैं। प्रत्येक निवेशक के पोर्टफोलियो के आधार पर रिटर्न, समय के साथ साझा किया जाता है।
आवर्ती (रेकरिंग) जमा
यह निवेश बैंकों द्वारा पेश किया जाता है। इसमें वेतनभोगी व्यक्ति बैंक के साथ एक आवर्ती जमा (आरडी) खाता खोल सकते हैं जहां उन्हें हर महीने एक निश्चित राशि जमा करनी होती है। वे कुल राशि पर सावधि जमा पर लागू ब्याज दर अर्जित करते हैं। जमा के मैच्योर होने के बाद बैंक द्वारा खाताधारक को एकमुश्त राशि का भुगतान किया जाता है।
यह किस प्रकार कार्य करता है?
मान लीजिए आप एक आरडी खाता खोलते हैं और प्रति माह 1,000 रुपए 2 साल के कार्यकाल के लिए 8% ब्याज पर जमा करते हैं। दो साल बाद जमा के मैच्योर होने पर आप 2,029 रुपये का ब्याज अर्जित करेंगे और देय राशि रु. 26,029 होगी।
चिट फंड/आवर्ती जमा/म्यूचुअल फंड
यदि आप चिट फंड और म्यूचुअल फंड या चिट फंड और आवर्ती जमा के बीच निर्णय लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो निम्नलिखित तुलना से आपको सही रूप से निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
चिट फंड | म्युचुअल फंड | आवर्ती जमा | |
---|---|---|---|
निवेश प्रकार | निवेश और ऋण | निवेश | निवेश |
रिटर्न | मासिक नीलामी और बोली पर निर्भर करता है | बाजार के प्रदर्शन के आधार पर रिटर्न | ब्याज दर के अनुसार निश्चित रिटर्न |
सुरक्षा | जोखिम | बाजार जोखिमों के अधीन | सुरक्षित |
विनियमित/शासित द्वारा | चिट फंड अधिनियम 1982 | एसईबीआई | आरबीआई |
गारंटी | लाभ या हानि | लाभ या हानि | पक्का लाभ |
टैक्सेबल इनकम | गैर-कर योग्य (यदि घोषित हो) | गैर कर योग्य | कोई टीडीएस नहीं, लेकिन अर्जित ब्याज कर योग्य है |
अंतिम शब्द
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक वित्तीय निवेश विकल्प विभिन्न जोखिमों और लाभों के साथ आता है। इसलिए, आपको एक सूचित विकल्प बनाने से पहले विवरणों की जांच करने और बारीकी से समझने की जरूरत है जो आपके लिए सही प्रकार से काम करेगा।
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